जल्द शुरु होगा कटघोरा में लिथियम का उत्पादन, देश का पहला लिथियम ब्लॉक मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम
Chhattisgarh news / Korba news
कोरबा: मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड(MSMPL) ने देश का पहला लिथियम ब्लॉक नीलामी में खरीद लिया है. लिथियम ब्लॉक कोरबा जिले के कटघोरा में मौजूद है. कंपनी को यह ब्लॉक 76.05 प्रतिशत की नीलामी प्रीमियम पर दिया गया है.
कंपनी ने नीलामी के चौथे दौर में लिथियम ब्लॉक को खरीदने में सफलता पाई है. सोमवार को पूरी की गई नीलामी की प्रक्रिया के बाद केंद्रीय खान मंत्रालय ने कहा है कि ”मैकी साउथ माइनिंग छत्तीसगढ़ में कटघोरा लिथियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) ब्लॉक के लिए पसंदीदा बोलीदाता के रूप में सामने आई है”.
जल्द शुरु होगा कटघोरा में लिथियम का उत्पादन: केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी के चौथे दौर में 21 ब्लॉक बिक्री के लिए रखे थे. इन ब्लॉकों में से 11 अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक सहित राज्यों में नए ब्लॉक हैं.
इस मौके पर केंद्रीय कोयला और खान मंत्री रेड्डी ने कहा कि ”खनन और खनिज क्षेत्र में 2015 में किए गए सुधारों के लाभ दिखाई देने लगा है. खान सचिव वी एल कांता राव ने कहा कि ”खान मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि महत्वपूर्ण खनिजों से उत्पादन बहुत जल्द शुरू किया जाए.”
250 हेक्टेयर में फैला है लिथियम का भंडार: कोरबा के गांव घुचापुर कटघोरा के आस पास के 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लिथियम पाए जाने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की है.
अब इसके लिए केंद्रीय खान मंत्रालय ने 29 नवंबर 2023 को नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी थी. कॉमर्शियल माइनिंग के तहत खदानों को केंद्र सरकार नीलामी के माध्यम से निजी कंपनी को सौंपती है. कटघोरा के लिथियम ब्लॉक के लिए ओला, वेदांता, जिंदल, श्री सीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट सहित कई बड़ी कंपनियों ने बोली लगाई थी.
अर्जेंटीना की भी एक कंपनी द्वारा बोली में भाग लेने की बात सामने आई थी. नीलामी में सबको पीछे छोड़ते हुए भारत की ही मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड(MSMPL) ने कटघोरा के लिथियम ब्लॉक को खरीदने में सफलता हासिल की है. जिसका मुख्यालय वेस्ट बंगाल में है.
जानिए क्यों है लिथियम जीवन के लिए जरुरी
- मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी में लिथियम महत्वपूर्ण है.
- इसका उपयोग हार्ट पेसमेकर, खिलौने और घड़ियों जैसी चीज़ों के लिए कुछ गैर-रिचार्जेबल बैटरी में भी किया जाता है.
- लिथियम धातु को एल्युमिनियम और मैग्नीशियम के साथ मिश्रधातु में बनाया जाता है, जिससे उनकी ताकत में सुधार होता है और वे हल्के हो जाते हैं.
- लिथियम ऑक्साइड का उपयोग विशेष ग्लास और ग्लास सिरेमिक में किया जाता है.
- लिथियम स्टीयरेट का उपयोग एक सर्व-उद्देश्यीय और उच्च तापमान वाले स्नेहक के रूप में किया जाता है.
- लिथियम कार्बोनेट का उपयोग उन्मत्त अवसाद के इलाज के लिए दवाओं में किया जाता है.
- सभी धातुओं में इसका घनत्व सबसे कम है.
- यह ठोस तत्वों में सबसे हल्का है.
- यह पानी के साथ जोरदार प्रतिक्रिया करता है.
- इसकी संरचना शरीर-केंद्रित घन क्रिस्टल जैसी होती है.
लिथियम ब्लॉक को दिया जा रहा है कंपोजिट लाइसेंस: कटघोरा के लिथियम आरईई ब्लॉक के लिए कंपोजिट लाइसेंस दिया गया है. इसमें परीक्षण और खनन दोनों का ही अधिकार शामिल है. कटघोरा के साथ ही कश्मीर के रियासी स्थित लिथियम ब्लॉक की भी नीलामी शुरू की गई थी. शुरुआती दौर में इसके लिए समुचित बोलीदार आगे नहीं आए थे .
जिससे इसकी ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया को पूर्व में रोकना पड़ा. कटघोरा में देश का पहला लिथियम खदान बनेगा. कटघोरा का लिथियम ब्लॉक देश का ऐसा पहला खनन प्रोजेक्ट होगा जिसके लिए कंपोजिट लाइसेंस दिया गया है.
रोजगार के अवसर पर डीएमएफ से भारी भरकम राशि: लिथियम खदान शुरू होने पर सिर्फ कोरबा ही नही छत्तीसगढ़ और देश में समृद्धि के द्वार खुलेंगे. कटघोरा आधारभूत सुविधाओं से युक्त मैदानी इलाके में है. इसके चलते यहां निवेशकों का रुझान अधिक है. लिथियम खनन शुरू होने के बाद इससे जुड़ी कंपनियां काम शुरू करेंगी.
तकनीकी एक्सपर्ट और संसाधनों के विकास के लिए भी लोगों की आवश्यकता होगी. इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे. प्रदेश में विकास के लिए तय राशि, रॉयल्टी और डीएमएफ के लिए भी इससे सहयोग मिलेगा जो करोड़ो में होगा. कुल मिलाकर आने वाले दिनों में न सिर्फ कोरबा बल्कि छत्तीसगढ़ का भाग्य भी चमकेगा.
छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
लिथियम खदान शुरू होने पर सिर्फ कोरबा ही नहीं छत्तीसगढ़ और देश में समृद्धि के द्वार खुलेंगे। कटघोरा आधारभूत सुविधाओं से युक्त मैदानी इलाके में है। इसके चलते यहां निवेशकों का रुझान अधिक है।
लिथियम खनन शुरू होने के बाद इससे जुड़ी कंपनियां काम शुरू करेंगी। तकनीकी एक्सपर्ट और संसाधनों के विकास के लिए भी लोगों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रदेश में विकास के लिए तय राशि, रायल्टी और डीएमएफ के लिए भी इससे सहयोग मिलेगा जो करोड़ो में होगा।
लिथियम क्यों है जरुरी: लिथियम आयन बैटरियों का एक जरुरी हिस्सा है जिसका उपयोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों में आज तेजी से हो रहा है. बीते कुछ सालों में ईवी यानि बैट्री चालित गाड़ियों की वर्ल्ड वाइड मांग तेजी से बढ़ी है. एक अनुमान के 2030 तक लिथियम बैट्री से चलने वाली गाड़ियों की संख्या जल्द 30% से अधिक हो जाएगी. अपने दैनिक जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसमें लिथियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
ईवी गाड़ियों के अलावा लिथियम उस तकनीक का एक अनिवार्य हिस्सा है जो मोबाइल फोन, कंप्यूटर, बिजली के उपकरण और पवन और सौर ऊर्जा से उत्पन्न ऊर्जा के बैटरी भंडारण को पावर प्रदान करता है. इसके अलावा लिथियम का उपयोग बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
एक रिसर्च के मुताबिक मनोवैज्ञानिक विकार और अल्जाइमर के इलाज के लिए इसके इस्तेमाल पर भी विचार किया जा रहा है.