हाथरस भगदड़ : 123 लोगों की मौत, SIT की रिपोर्ट में बाबा का नाम नहीं, प्रशासन भी बाबा पर फिदा ?
New Delhi
हाथरस के सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद भगदड़ से सम्बंधित कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई और लगातार इस घटना के पीछे के जिम्मेदारों को सजा देने की मांग हुई, हाथरस में एक बाबा के कथा प्रवचन के दौरान ही कुछ भक्त जब बाबा के पैर के धुल लेने के लिए दौड़े तभी भीड़ इतनी ज्यादा हो गयी कि वहां देखते देखते भगदड़ मच गई और कई महिलाओं की भी मौके पर मौत हो गई.
एक भक्त ने कहा कि बाबा है कहां, बाबा होते तो पकड़े जाते. वो तो परमात्मा हैं. वो यहीं पर हैं. पकड़ो,
बता दें कि एसआईटी की 300 पन्नों की रिपोर्ट में बाबा का कहीं नाम तक नहीं है. आयोजकों पर मौत की भगदड़ का सारा ठीकरा फोड़ दिया गया है. सवाल ये है कि भक्त तो भक्त क्या प्रशासन पर भी बाबा की चमत्कारी शक्तियां काम कर रही हैं. एक भक्त ने तो आजतक के कैमरे ये बात भी कुबूल कर ली कि बाबा प्रशासन की परमीशन से बाहर नहीं आ रहे हैं, ये भक्त इशारा भी देता है कि बाबा मैनपुरी वाले आश्रम में ही है.
बाबा के एक भक्त ने कहा, भगदड़ में बाबा का कोई दोष नहीं है. ये असामाजिक तत्व ने फैलाई. अगर बाबा आए तो मीडिया वाले घेर लेंगे. इसलिए वकील के ज़रिए वो अपनी बात कह रहे हैं. वक्त आएगा तो बाहर आएंगे. बाबा के भक्त ये भी दावा कर रहे हैं कि बाबा कानून व्यवस्था की वजह से सामने नहीं आ रहे हैं. अगर वो आए तो फिर से भगदड़ मच सकती है.
अपनी मां को खोने वाली बेटी ने कहा, सबसे बड़ी कमी है. थोड़े तंबू और तनवा देता. जिस दिन से मां की मृत्यु देखी, अब मैं किसी को नहीं मानती. इतना ही नहीं कई भक्त ऐसे भी हैं, जो बाबा मौत की भगद़ड़ का ज़िम्मेदार ठहराते हैं, और सज़ा की मांग करते हैं. मृतक मंजू देवी के पति छोटेलाल ने कहा, गुनहगार को सज़ा मिले. ऐसा सत्संग नहीं देखा. अब चाहे फांसी दे दो. कुछ कर लो. मेरे बीवी बच्चा तो लौटकर आने वाले नहीं है.
नारायण साकार हरि के भक्त ये भी दावा कर रहे हैं प्रशासन को सब पता है बाबा कहां है? लेकिन कई लोग ये भी कह रहे हैं, अब बहुत हो गया बाबा को सबके सामने आना चाहिए. जिस नारायण साकार हरि को उसके अंध भक्त परमात्मा कह रहे हैं. वो अपने बचाव के लिए वीडियो रिलीज करता है और वीडियो में अपनी सफाई पेश करता है, अपने वकील की दुहाई देता है. और फिर एसआईटी की रिपोर्ट आती है और 300 पन्नों की इस रिपोर्ट में बाबा का कहीं नाम तक न हीं आता है.
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