CG NEWS : 181 करोड़ से ज्यादा की ठगी, 11 राज्यों के चिटफंड कंपनियों का डेरा बना छत्तीसगढ़, इन 10 कंपनियों में हुआ सबसे ज्यादा निवेश

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CG NEWS: Cheating of more than Rs 181 crore, Chhattisgarh became the camp of chit fund companies of 11 states
CG NEWS: Cheating of more than Rs 181 crore, Chhattisgarh became the camp of chit fund companies of 11 states

CG NEWS : 181 करोड़ से ज्यादा की ठगी, 11 राज्यों के चिटफंड कंपनियों का डेरा बना छत्तीसगढ़

Chhattisgarh news / New Delhi

छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम को वापस दिलाने के लिए गरियाबंद जिला प्रशासन ने फिर से अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने निवेशकों से ओरिजनल बॉन्ड पेपर मांगे हैं, ताकि FIR दर्ज कर रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू की जा सके। यूपी, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा समेत 11 राज्यों की 260 चिट फंड कंपनियों ने जिले के 93,598 लोगों से 181 करोड़ से भी ज्यादा का निवेश करा लिया था।

पिछली सरकार ने चिट फंड में डूबी रकम वापस कराने का वादा किया था, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सकी। अब जिला प्रशासन ने फिर से इस प्रक्रिया को शुरू किया है।

अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि डूबी रकम वापसी के प्रकरण में जो खामियां थीं, उन्हें सुलझा लिया गया है। प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने से पहले जिले के पांच अनुविभागों के एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे निवेशकों से निवेश रकम के बांड पेपर मंगाएं।

इसी बांड के आधार पर चिट फंड कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। फिर संबंधित फर्म की संपत्ति अटैच कर निवेश की गई रकम की वापसी की जा सकेगी।

राजिम में सबसे ज्यादा लोग चिट फंड में डूबे हैं। 2021 में, पिछली सरकार ने चिट फंड कंपनियों से रकम वापस दिलाने के लिए आवेदन फार्म जमा कराए थे।

इसके मुताबिक, गरियाबंद अनुविभाग में 15,856 निवेशकों ने 24.38 करोड़ निवेश किया खा। वहीं छुरा अनुविभाग में 19,210 लोगों ने 17.90 करोड़, राजिम अनुविभाग में 37,861 लोगों ने 118.26 करोड़, मैनपुर अनुविभाग में 16,334 लोगों ने 14.31 करोड़ और देवभोग अनुविभाग में 6.83 करोड़ का निवेश किया है।

अपर कलेक्टर ने निवेशकों से अपील की है कि वे अपने ओरिजिनल बांड पेपर नजदीकी एसडीएम कार्यालय अथवा तहसील कार्यालय में जमा कराएं। जितना जल्दी बांड जमा होंगे, उतनी जल्दी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।

इन 10 कंपनियों में सबसे ज्यादा निवेश हुआ

सनसाईन इंफ्राबिल्ड, दिल्ली: 7555 निवेशक, 9.12 करोड़

आरोग्य धन वर्षा डेवलपर, उज्जैन: 6129 निवेशक, 7.75 करोड़

साई प्रसाद प्रॉपर्टीज लिमिटेड, पंजीम गोवा: 5680 निवेशक, 13.75 करोड़

एच बी एन फूड्स लिमिटेड: 4635 निवेशक, 11.70 करोड़

माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड, ओडिसा: 4568 निवेशक, 10.46 लाख

पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, जयपुर राजस्थान: 4980 निवेशक, 10.15 करोड़

साई प्रकाश प्रोपटीज डेवलपर, भोपाल: 3316 निवेशक, 7.6 करोड़

निजी निर्मल इंफ्रा होम: 3869 निवेशक, 15.74 करोड़ मिलियन

माइल्स इंफ्रा: 3635 निवेशक, 8.73 करोड़

आरएमपीएल मार्किग प्राइवेट लिमिटेड: 6.58 करोड़

ज्यादातर चिट फंड कंपनियों की संपत्ति का पता नहीं चल पाया है। कुछ मामलों में, जैसे पीएसीएल लिमिटेड और साइनिंग इंडिया डेयरी लिमिटेड की संपत्तियों की नीलामी की तैयारी की गई थी, लेकिन कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से रोक लगवा ली। अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय चिट फंड कंपनियों से जुड़े फाइलों को खंगाल रहे हैं, ताकि आगे की कार्रवाई में पहले की तरह कोई दिक्कत न आ सके।

प्राप्त दावा आवेदन के मुताबिक 260 चिट फंड कंपनी ने 1 अरब 81 करोड़ 71 लाख 23561 रुपए निवेश कराए। इसके लिए चेन प्लानिंग, डबल मनी के अलावा कृषि, फॉरेस्ट्री और अन्य आकर्षक योजनाओं का झांसा दिया गया। स्थानीय युवा, नामचीन चेहरे और प्रभाव शाली लोगों को एजेंट बना कर एजेंटों को आकर्षक पैकेज का भुगतान किया गया था।

 

credit : jantaserishta

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