निरस्त होंगे अंग्रेजों के कानून, 3 नए आपराधिक कानून पर बोले शाह
New delhi
आज से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हुए. इन नए कानूनों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया को संबोधित करते हुए उनसे बातचीत की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मीडिया से बातचीत की और इन तीन नए कानून को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए तीन नए कानून खत्म हो चुके हैं. अब देश में नए कानून लागू हो रहे हैं. इनमें आरोपी को दंड देने की बजाय पीड़ित को न्याय देने पर अधिक जोर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि दंड की जगह न्याय लेगा, देरी की जगह स्पीडी ट्रायल और स्पीडी जस्टिस मिलेगा और पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों की रक्षा की गई थी अब पीड़ितों व शिकायतकर्ता के अधिकारों की रक्षा होगी. इस नए नजरिए के साथ ये तीनों कानून देश में लागू हुए हैं.
देश की जनता को मैं बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं कि आजादी के 77 साल बाद आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) पूर्णतया स्वदेशी हो रही है और भारतीय Ethos के आधार पर चलेगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘राजद्रोह’ एक ऐसा कानून था, जिसे अंग्रेजों ने अपने शासन की रक्षा के लिए बनाया था. महात्मा गांधी, तिलक महाराज, सरदार पटेल… सभी ने इसी कानून के तहत 6-6 साल की सजा काटी थी। इसी कानून के तहत केसरी पर प्रतिबंध लगाया गया था. उन्होंने कहा कि राजद्रोह कानून को हमने समाप्त कर दिया है और इसकी जगह देशविरोधी हरकतों के लिए नई धारा लेकर आए हैं.