CG NEWS : महिला को उम्र कैद की सजा, तीन हत्याओं में थी सहयोगी

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Big change in the country's legal system from today: What are the three new criminal laws
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CG NEWS : महिला को उम्र कैद की सजा, तीन हत्याओं में थी सहयोगी

Chhattisgarh news

महासमुंद । जिले के भीमखोज में 20 साल पहले बच्चों के झगड़े से उपजे विवाद पर एक ही रात में दो अलग-अलग स्थानों पर तीन लोगों की हत्या मामले में सहयोगी महिला को उम्र कैैद की सजा दी है।

भीमखोज निवासी रंजीत, रवि व दुकालू की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को प्रथम सत्र न्यायाधीश संघपुष्पा भतपहरी ने आरोप दोष सिद्ध होने पर 35 वर्षीय संतोषी, 46 वर्षीय यशोदा तथा 51 वर्षीय नंदकिशोर पिता गिरधारी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 307 के तहत 7 वर्ष सश्रम कारावास व 3 हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा 460 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।

इसके अलावा धारा 148 के तहत 2 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 324 के तहत भी दंडित किया है। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर क्रमश: 5, 5, 3, 2 व 1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। ये सजाएं सभी हत्याओं व अन्य अपराध के लिए अलग-अलग दी गई है। याने आरोपितों को तीन-तीन आजीवन कारावास व सभी सजाएं तीन-तीन बार दी गई है। इसी तरह अर्थदंड की सजा भी दी गई है। अर्थदंड के अलावा अन्य सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।

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अभियोजन के अनुसार मामला 26 अगस्त 2003 की रात्रि ढाई से तीन बजे का है। प्रार्थिया शांतिबाई ने पुलिस को बताया कि घटना के एक-डेढ़ माह पहले उसकी देवरानी सीमा का बच्चों की बात पर गिरधारी, नंदकिशोर और उनकी औरतों के साथ झगड़ा हुआ था। तब गिरधारी, नंदकिशोर परिवार सहित कहीं भाग गए थे। प्रार्थिया 26 अगस्त 2003 को अपने पति दुकालू व बच्चों को लेकर कमरा बंद करके सोई हुई थी। रात्रि ढाई से तीन बजे बचाओ-बचाओ कहकर रवि और उसकी पत्नी चिलाई।

दरवाजा खोलकर लाईट जलाकर देखा तो नीलकंठ विधि से संघर्षरत बालकगण, पुनीत, अर्जुन, बूढ़ा अर्जुन, धरमू, दिनेश, फूलसिंग, गणेसरी, कोंदी बाई, यशोदा बाई, संतोषी बाई तथा अन्य लोग तलवार, खुखरी, टंगिया, गुप्ती, भाला, राड, लाठी लेकर रवि को मार रहे थे।

रवि नीचे गिर पड़ा था। प्रार्थिया को देखकर आरोपी प्रार्थिया की ओर आए और बोले कि उसकी ओर आए और बोले कि इसे भी मार डालो। गणेसरी, यशोदा, कोंदी बाई, संतोषी ने प्रार्थिया को डंडे से मारा और बैगा राजू ने भूजा में तलवार से हमला किया। यह देखकर उसके पति दुकालू ने अंदर घुसकर दरवाजा बंद कर दिया। किंतु सभी आरोपी दरवाजा तोडक़र अंदर घुसे और दुकालू के हाथ, पैर काट दिए।

साथ ही शंकर को भी मारा। घटना के समय ही रवि की मौत हो गई और कुछ समय बाद प्रार्थिया के पति दुकालू की भी मौत हो गई। इसी तरह मृतक रंजीत की पत्नी सीमाबाई ने भी पुलिक को बताया कि घटना दिनांक 26 अगस्त 2003 से एक डेढ़ माह पूर्व बच्चों के झगड़े में विवाद हुआ था।

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इसी बात की रंजिश से गिरधारी, नंदकिशोर, चिन्ना, पोतराजू, बैगा राजू, नीलकंठ, विधि से संघर्षरत बालकों, पुनीत, अर्जुन, बड़ा अर्जुन, धरमू, दिनेश, फूलसिंग, गणेसरी, कोंदी बाई, यशोदा बाई, संतोषी बाई तथा अन्य लोगों ने तलवार,खुखरी, टंगिया, गुप्ती, भाला, राड, डंडा से उसके पति रंजीत को मारपीट कर हत्या कर दी। अभियोजन की ओर अतिरिक्त लोक अभियोजक भरत सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में अभियुक्तगण अर्जुन , कोंदीबाई उर्फ उन्नरी, फूलसिंग तेलगू, दिनेश नेताम, पुनीत तेलगू को 21 दिसंबर 2005 को सजा सुनायी जा चुकी है। अन्य आरोपी फरार चल रहे थे।

उनकी गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में मामला चला। इस प्रकरण के अन्य सहअभियुक्त गिरधारी, नीलकंठ, पोतराजू, धरमू, बूढ़ा अर्जुन, बैगा राजू, चिन्ना, गणेसरी अब भी फरार है। उनके खिलाफ स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी है।

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