बस्तर पण्डुम में बाहरी निर्णायक बनाए जाने पर आदिवासी समाज में नाराजगी
Chhattisgarh News
बीजापुर Bijapur : जिले में चल रहे बस्तर पण्डुम Bastar Pandum 2025 की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और सभी समुदाय की भागीदारी बढ़ाने की मांग को लेकर मंगलवार 18 March को सर्व आदिवासी समाज ने आदिवासी विकास परियोजना प्रशासक के नाम पर उपायुक्त आनंद सिंह को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि, जिले में जारी बस्तर पण्डुम Bastar Pandum 2025 निश्चित ही आदिवासी परंपरा और संस्कृति को सम्मान देता नजर आ रहा है, किंतु इसके आयोजन में गैर जानकर निर्णायक बनाए जाने से जनजातीय गौरव और आदिवासी परंपरा संस्कृति का मजाक बनाया जा रहा है।
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने कहा कि, बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लाक में 17 मार्च से पण्डूम आयोजित है, पर प्रतिभागियों को दिन का भोजन और पेयजल भी नहीं मिला। इसी प्रकार बीजापुर ब्लाक के लिए विभिन्न विधाओं के लिए बनाए गए निर्णायक पुजारी, मुखिया, मांझी एक समुदाय से हैं, जिन्हें विभिन्न समुदाय मुरिया, दोरला, हल्बा, परधान, तेलंगा, सुंडी, महारा सहित अन्य समुदाय के विविध नृत्य, गीतों, वाद्य यंत्रों, पेय पदार्थों की बारीकियों का ज्ञान संदेहास्पद है।
बस्तर संभाग में पण्डुम यहां निवासरत सभी जाति समुदाय के आपसी समन्वय और भागीदारी से संपन्न होता है। बस्तर पण्डुम Bastar Pandum 2025 के आयोजन के दौरान प्रतिभागियों के लिए भोजन पेयजल व्यवस्था सहित निर्णायक समिति में मुरिया, दोरला, हल्बा परधान, सुंडी, महारा सहित अन्य समुदाय की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के सचिव कमलेश पैंकरा, बलराम हपका, राजेश लेकम, बुधराम लेकम, लच्छू उरसा, सोमलु कुरसम, सरिता अवलम, लखमू आरकी, सुरेश कोरसा बलिराम माड़वी सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।