मानसिक रूप से दिव्यांग, प्रशासनिक सेवा में चयन, पिता की संपत्ति 40 करोड़ रूपये, UPSC पर उठ रहे सवाल

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upsc pooja khedkar
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मानसिक रूप से दिव्यांग, प्रशासनिक सेवा में चयन, पिता की संपत्ति 40 करोड़ रूपये, UPSC पर उठ रहे सवाल

New Delhi

देश में लगातार ED IT के रेड के बाद राजनितिक गलियाओं में हलचल मची हुई थी वहीँ चुनाव ख़त्म होने के बाद अब पेपर लीक का भी मुद्दा गर्माया हुआ है,

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं। वे परिवीक्षा अवधि के दौरान ही विवाद में फंस गई हैं और अब उनके चयन को लेकर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। दरअसल सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें देखने में भी समस्या है, लेकिन हैरानी है कि बिना जांच के ही उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया, जिस पर अब विवाद हो रहा है.

पुणे कलेक्टरेट में सुर्खियों में रही प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का तबादला वाशिम कर दिया गया है.खासकर उनके सर्टिफिकेट को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. इसी पृष्ठभूमि में, पूजा खेडकर ने गुरुवार को वाशिम में अपना पदभार संभाला. इस मौके पर उन्होंने पहली बार मीडिया से बातचीत की.

पूजा खेडकर से उनके इनकम और नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट को लेकर चल रहे विवाद के बारे में भी पूछा गया. इस पर पूजा खेडकर ने कहा, “मैं आपको कुछ नहीं बता सकती, सरकार ने मुझे इस मामले में कुछ भी कहने की इजाजत नहीं दी है.” इसके बाद वह वहां से चली गईं.

कौन हैं पूजा खेडकर?
पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्हें पुणे में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था. इस दौरान, पूजा खेडकर ने अपनी निजी लाल-नीली बत्ती लगी ऑडी कार और महाराष्ट्र सरकार की नेमप्लेट का उपयोग किया, जिससे वह चर्चा में रहीं. पूजा पुणे कलेक्टरेट में एक वरिष्ठ अधिकारी के सामने वाले कक्ष पर कब्जा करने को लेकर भी सुर्खियों में रहीं. इस ऑफिस का फर्नीचर भी उन्होंने बदल दिया था. इन सब कारणों से, वह सरकारी अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन गईं और अंततः पुणे जिला कलेक्टर ने उनके तबादले की सिफारिश की.

8 जुलाई को पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था. ट्रांसफर ऑर्डर के मुताबिक, उन्हें तुरंत ज्वाइन करने का आदेश दिया गया था. 9 तारीख को वाशिम कलेक्टोरेट में इस संबंध में एक पत्र प्राप्त हुआ. आज पूजा खेडकर ने वाशिम जिला अधिकारी भुवनेश्वरी एस से मुलाकात की और आधिकारिक तौर पर प्रशिक्षु का पद ग्रहण किया. कल पूजा खेडकर लोक निर्माण विभाग में प्रशिक्षु अभ्यर्थी के रूप में कार्यभार संभालेंगी.

सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने हलफनामा दायर कर दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें आंखों की भी परेशानी है। इस दावे की वजह से चयन में पूजा खेडकर को रियायत दी गई और कम नंबर्स के बावजूद उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया। विवाद इस बात पर है कि पूजा खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर मेडिकल जांच में शामिल होने से किसी न किसी कारण से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद उनका चयन हो गया।

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