नक्सल एनकाउंटर या ग्रामीण एनकाउंटर ? उठ रहे सवाल

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Naxal encounter or rural encounter
Naxal encounter or rural encounter

नक्सल एनकाउंटर या ग्रामीण एनकाउंटर ? उठ रहे सवाल

Chhattisgarh Madhyapradesh news

पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने हाल ही में प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत में वह ग्रामीणों को निशाना बना रही है। उनका कहना है कि हाकपोर्स के स्पेशल ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने दावा किया था कि नक्सली मारा गया है, लेकिन जब सत्य सामने आया, तो यह खुलासा हुआ कि मारा गया व्यक्ति नक्सली नहीं था, बल्कि वह एक ग्रामीण था।

मारा गया व्यक्ति हिरनसिंह परते था, जो लसेरीटोला ग्राम पंचायत खटिया का निवासी था। सूत्रों के अनुसार, वह घटना के दिन अपने दो साथियों के साथ जंगल में तोता पकड़ने के लिए गया था। पुलिस ने उसे नक्सली के रूप में पेश किया और दावा किया कि वह मुठभेड़ में मारा गया था।

हालांकि, यह मुठभेड़ नहीं थी, और मारा गया व्यक्ति नक्सली नहीं था, बल्कि एक सामान्य ग्रामीण था।

इसके अलावा, जिन दो व्यक्तियों को कथित नक्सलियों के रूप में गिरफ्तार किया गया था, वे वास्तव में कान्हा टाईगर रिजर्व में टाइगर प्रोटेक्शन टीम के सदस्य थे। इस पूरी घटना में पुलिस ने मृतक की शिनाख्ती का कोई उल्लेख नहीं किया, जो इस मामले को और भी संदिग्ध बनाता है।

पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने अपने बयान में यह भी कहा कि मारा गया व्यक्ति एक आम ग्रामीण था, और यह पूरी घटना पुलिस की तरफ से एक गलत आरोप था। खटिया रेंज में भी इस घटना को लेकर चर्चा है कि मारा गया व्यक्ति नक्सली नहीं था। 13 मार्च को मृतक के कुछ परिजन खटिया थाना पहुंचे थे, और उन्होंने मृतक के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की।

इस पूरे मामले से यह सवाल उठता है कि पुलिस द्वारा किए गए दावों और कार्रवाई में कितना सच था, और क्या वास्तव में नक्सलियों के बजाय निर्दोष ग्रामीणों को निशाना बनाया जा रहा है।

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