बिलासपुर में ताबड़तोड़ कार्रवाई, 300 अवैध नागरिकों की पहचान : अवैध नागरिकों में हड़कंप
Chhattisgarh News
रायपुर – छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में अवैध नागरिकों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा दस्तावेज़ों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस की इस सघन जांच से अवैध नागरिकों को संरक्षण देने वाले सफेदपोश नेताओं में हड़कंप मच गया है और कई नेता भूमिगत हो चुके हैं।
300 से अधिक अवैध नागरिकों की पहचान
बिलासपुर में पुलिस ने अभियान चलाकर 300 से अधिक अवैध नागरिकों की पहचान की है। माना, राजिम, धमतरी, भाटापारा, तिल्दा-नेवरा, मुंगेली, बेमेतरा, बीरगांव, पखांजूर, अंतागढ़, संतोषी नगर, बिलाईगढ़, और बिलासपुर जैसे शहरों में वर्षों से अवैध रूप से बसे हुए नागरिकों को चिन्हित किया जा रहा है।
राजनीतिक संरक्षण और फर्जी दस्तावेज़ों का खेल
बताया जा रहा है कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान इन विदेशी नागरिकों को बसाने में स्थानीय नेताओं और कथित ‘नाड़ा-पायजामा गिरोह’ की भूमिका रही है। इन अवैध नागरिकों को आधार कार्ड, वोटर आईडी, और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाने में भी मदद की गई, जिसमें बड़ी मात्रा में पैसे खर्च किए गए।
सटीक आंकड़ों का अभाव, इंटेलिजेंस विभाग मौन
राज्य स्थापना के बाद से पाकिस्तानी और बांग्लादेशी शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती रही है, लेकिन शासन या प्रशासन के पास कोई ठोस आंकड़ा मौजूद नहीं है। इंटेलिजेंस एजेंसियां भी इस संबंध में डेटा सार्वजनिक नहीं करतीं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
छत्तीसगढ़ में अवैध नागरिकों पर जल्द होगी सख्त कार्रवाई
छत्तीसगढ़ पुलिस अब अवैध नागरिकों के खिलाफ देश निकाला की कार्रवाई में जुटी है। पूरे प्रदेश में जारी इस अभियान का उद्देश्य राज्य को सुरक्षित बनाना और अवैध प्रवास को रोकना है।