Big Breaking : जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
New Delhi
केंद्र सरकार जाति जनगणना कराएगी। यह फैसला बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जाति जनगणना, मूल जनगणना में ही शामिल होगी।
जनगणना इस साल सितंबर से शुरू की जा सकती है। इसे पूरा होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आएंगे। हालांकि जनगणना कब से शुरू होगी, इसके बारे में सरकार ने कुछ नहीं कहा है।
2021 में जनगणना को कोविड-19 महामारी के कारण टाल दिया गया था। जनगणना आमतौर पर हर 10 साल में की जाती है।
जातिगत जनगणना पर पार्टियों का स्टैंड
- विपक्षी पार्टियां: कांग्रेस समेत BJD, SP, RJD, BSP, NCP शरद पवार देश में जातिगत जनगणना की मांग कर रही हैं। TMC का रुख अभी साफ नहीं है। राहुल गांधी हाल में ही अमेरिका दौरे पर गए थे, वहां उन्होंने जातिगत जनगणना को सही बताया था।
- NDA: पहले भाजपा जाति जनगणना के पक्ष में नहीं थी। NDA ने कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाए थे कि ये जातिगत जनगणना के जरिए देश को बांटने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, बिहार में भाजपा ने ही जातिगत जनगणना का सपोर्ट किया था। बिहार ने अक्टूबर 2023 में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए थे। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना था।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा- कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘1947 से जाति जनगणना नहीं की गई। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया।