मोदी की कोर टीम : तीसरी बार NSA बनाए गए अजीत डोभाल

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ajit doval newdelhi NSA india narendramodi
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मोदी की कोर टीम : तीसरी बार NSA बनाए गए अजीत डोभाल

New Delhi

तीसरी बार मोदी सरकार बन चुकी है और इसके साथ ही मंत्रियों को उनके मंत्रालयों का आवंटन भी हो चुका है। गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।

एक तरफ लगातार तीसरी बार अजित डोभाल ही एनएसए चीफ बने रहने जा रहे हैं तो वही दूसरी तरफ पीके मिश्रा पीएम के प्रधान सचिन की भूमिका निभाने जा रहे हैं।

जब से नरेंद्र मोदी ने पीएम पद संभाला है, इन दोनों ने लगातार ना सिर्फ उनका साथ दिया बल्कि देश के कई फैसलों में अहम भूमिका भी निभाई है।

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डॉ.पीके मिश्रा, गुजरात कैडर से ताल्लुक रखते हैं और 1972 बैच के आईएएस अफसर हैं। कृषि, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, नियामक मामले और आधारभूत संरचना सरीखे विभिन्न क्षेत्रों में वह कई प्रोग्राम्स का प्रबंधन कर चुके हैं।

इससे पहले वे पीएम के एडिश्नल प्रिंसिपल सेक्रेट्री, कैबिनेट मंत्री की रैंक पर और सेक्रेट्री अग्रीकल्चर एंड कॉपरेशन भी रह चुके हैं। उन्होंने इस दौरान नेशनल एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम और नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन जैसी योजनाओं में अपना योगदान दिया था।

एनएसए का पद संवैधानिक होता है और पीएम का सबसे विश्वसनीय भी इन्हें माना जाता है। इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाता है और हर अहम बैठक में इनकी उपस्थिति रहती है।

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बात चाहे सुरक्षा से जुड़ी हो या फिर रणनीतिक लिहाज से अहम मुद्दा हो, पीएम हमेशा एनएसए की सलाह लेता है। दूसरी तरफ पीके मिश्रा भी पीएम मोदी को हर मामले में जरूरी सलाह देते हैं।

अजीत डोभाल को पहली बार 20 मई 2014 को देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। तब से डोभाल ही इस पद को संभाल रहे हैं। 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को कूटनीतिक सोच और काउंटर टेरेरिज्म का विशेषज्ञ माना जाता है।

अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें 30 मई, 2014 को पहली बार एनएसए के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद 31 मई, 2019 को एक बार फिर से उन्हें एनएसए के रूप में नियुक्ति मिली।

माना जाता है कि उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक में अजीत डोभाल की अहम भूमिका रही थी। इसके बाद पुलवामा में आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक में भी डोभाल ने बड़ी भूमिका निभाई।

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