केंद्र और तीन राज्य सरकारों को NGT का नोटिस

0
41
NGT notice to central and three state governments
NGT notice to central and three state governments

केंद्र और तीन राज्य सरकारों को NGT का नोटिस

New Delhi

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारत के कृषि क्षेत्रों में लगे लगभग 60 लाख पेड़ों के नुकसान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि यह देश के दो महत्वपूर्ण पर्यावरण कानूनों, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है.

रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीटी ने इस संबंध में एक खबर पर संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया था कि इतने बड़े पैमाने पर पेड़ महज़ तीन सालों के भीतर गायब हुए हैं. इस रिपोर्ट में कृषि भूमि से पेड़ों के खोने को लेकर ‘हॉटस्पॉट’ यानी जहां ज्यादा पेड़ों को नुकसान हुआ इसकी जानकारी भी दी गई थी. इस सूची में महाराष्ट्र और तेलंगाना को बड़ा हॉटस्पॉट बताया गया था, वहीं मध्य प्रदेश का इंदौर छोटे हॉटस्पॉट की श्रेणी में था.

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी ने 4 जुलाई को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के साथ महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्य प्रदेश राज्यों के वन विभागों को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को तय की गई है.

मालूम हो कि बीते 15 मई को ‘नेचर सस्टेनेबिलिटी’ पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में यह जानकारी सामने आई थी. इस अध्ययन में बताया गया था कि भारत ने कृषि भूमि में लगे 50 लाख से अधिक पेड़ खो दिए, और ऐसा बहुत छोटी अवधि- 2018 और 2022 के बीच हुआ.

पतंजलि के 14 प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री जारी, सुप्रीम कोर्ट में की थी आपूर्ति बंद करने की बात

इस अध्ययन को करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया था कि उनका ये निष्कर्ष उच्च रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी ( high resolution satellite imagery) पर आधारीत है, जिसकी सहायता से उन्होंने पूरे भारत में खेत में लगे अलग-अलग बड़े पेड़ों (जिनका व्यास 10 वर्ग मीटर से अधिक का होता है) की मैपिंग की थी.

वैज्ञानिकों ने यह भी पाया था कि पेड़ों के नुकसान के कई हॉटस्पॉट थे. कुछ क्षेत्रों में प्रति वर्ग किलोमीटर 50 से अधिक पेड़ नष्ट हो गए हैं. उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्से और महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित मध्य भारत के क्षेत्रों में बड़े कृषि भूमि के 50 प्रतिशत तक पेड़ नष्ट हुए हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here