छत्तीसगढ़ के सीनियर कांस्टेबलों को भी केस में जांच अधिकारी बनाने का आदेश जारी
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प्रदेश के सीनियर कांस्टेबल आफिसर्स के लिए बड़ी खबर है, छत्तीसगढ़ के थानों में तैनात सीनियर कांस्टेबलों को भी केस में जांच अधिकारी बनाने का आदेश जारी हुआ है। उन्हें तीन साल से कम सजा वाले केस की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने यह आदेश सभी एसपी को भेजा है।
ऐसे कांस्टेबल जिनकी पदस्थापना 10 साल पूरी हो चुकी है और जिनकी क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-6 है, वे इस कैटेगिरी में आएंगे।
गृह विभाग के आदेश के अनुमोदन के बाद डीजी ने सभी एसपी को भेजे पत्र में कहा है कि क्रमोन्नति वेतनमान मैट्रिक्स-6 प्राप्त करने वाले वरिष्ठ कांस्टेबल को विवेचना का दायित्व सौंपने के पहले जिला मुख्यालय स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन किया जाए। इसके बाद उनकी परीक्षा ली जाए। इसमें पास होने पर ही विवेचना का दायित्व सौंपा जाए। जारी आदेश के बाद सभी एसपी ने अपने जिले के राजपत्रित अधिकारियों को निर्देशित कर उन्हें वरिष्ठ कांस्टेबलों की सूची सौंपी है।
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भारतीय न्याय संहिता-2023 के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 एवं 17 में अधिसूचना में उल्लेखित धाराओं के अपराधों का इनसे विवेचना कराया जाना है।
साधारण मारपीट, धमकी से 5 हजार रुपए से कम की चोरी, गाली-गलौज,छोटे मोटे फसाद सहित तीन साल से कम सजा के प्रावधान वाले मामलों की विवेचना करेंगे। प्रदेश में यह व्यवस्था लागू होने से थानों के पेडिंग केस की जांच में तेजी आएगी।
वरिष्ठ कांस्टेबलों से विवेचना करने की व्यवस्था मध्यप्रदेश में पहले से ही लागू है। ऐसे कांस्टेबल जिनका वेतनमान मैट्रिक्स 6 के अनुसार है,उन्हें जांच अधिकारी बनाया जाता है। वरिष्ठ आरक्षकों के कंधे पर अलग से एक सफेद फीता लगाया जाता है।