विकास की आड़ में जंगलों पर छाया संकट: 95,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र हुआ नुकसान

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95000 hectares of forest were sacrificed in the name of development mantoraanews, mantoraa,
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विकास की आड़ में जंगलों पर छाया संकट: 95,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र हुआ नुकसान

New Delhi / Rajasthan / Madhyapradesh / Oddisha / Chhattisgarh

भारत में विकास की गाथा जिस हिसाब से लिखी जा रही है उसी हिसाब से जलवायु परिवर्तन भी हमें दिख रहा है, आप बस समझ जाईये कि हर बार मौसम में बदलाव सिर्फ छोटे मोटे बदलाव नहीं है बल्कि यह पूरी मनुष्य जाति और जानवरों के लिए भी खतरा है.

अप्रेल 2019 से मार्च 2024 तक 18 हजार 922 हैक्टेयर वन भूमि पर खनन के 179 प्रस्तावों को मंजूर किया गया है। वन क्षेत्र में मध्यप्रदेश में 21, छत्तीसगढ़ में 11 और राजस्थान में 4 खनन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। अभयारण्यों व राष्ट्रीय उद्यानों में विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी देने की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जहां 2019 में यह संख्या महज 71 थी, वहीं 2023-24 में यह 421 पर पहुंच गई। यह देश में सर्वाधिक है।

MP में 909 परियोजनाओं के लिए सर्वाधिक 22 हजार 614 हेक्टेयर वन भूमि को गैर-वन भूमि में बदला गया। राजस्थान में 274 परियोजनाओं के लिए 3869 हैक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 41 परियोजनाओं के लिए 3229 हैक्टेयर वन भूमि पर मंजूरी दी गई है।
वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम 1980 के तहत राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्यों, बाघ अभयारण्यों, बाघ गलियारों जैसे वन क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को मंजूरी की लंबी प्रक्रिया है। इस तरह के प्रस्ताव राज्य सरकार व राज्य वन्य जीव बोर्ड की अनुशंसा पर प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति (MCNBWL) को भेजे जाते हैं। एससीएनबीडब्ल्यूएल में शामिल पारिस्थितिकीविद, संरक्षणवादी और पर्यावरणविद प्रस्तावों पर विचार रखने के साथ निर्णय देते हैं।

-अभयारण्यों व राष्ट्रीय उद्यानों में भी डायवर्जन

वर्ष प्रस्तावों की संख्या
2019-20 71
2020-21 85
2021-22 154
2022-23 150
2023-24 421 

वन क्षेत्रों में गैर वन कामोंं के लिए मंजूरी देने वाले टॉप टेन राज्य

राज्य स्वीकृत क्षेत्र (हेक्टेयर में)

मध्यप्रदेश 22614.74
ओडिशा 13621.95
अरुणाचल प्रदेश 8744.78
गुजरात 7402.97
उत्तर प्रदेश 6184.64
झारखंड 4303.64
राजस्थान 3869.63
उत्तराखंड 3323.48
छत्तीसगढ़ 3229.78
महाराष्ट्र 2713.60 

प्रतिपूरक वनीकरण पर खर्च राशि (करोड़ों रुपए में)

वर्ष राशि

2019-20 3389.1
2020-21 4909.87
2021-22 896.31
2022-23 6149.85
2023-24 5205.12

नए शोध के अनुसार , पिछले वर्ष वृक्षों की हानि बढ़ने के कारण स्विट्जरलैंड के आकार के बराबर उष्णकटिबंधीय वन क्षेत्र नष्ट हो गया ।

इसका अर्थ यह है कि COP26 में विश्व नेताओं द्वारा वनों की कटाई को रोकने के लिए किया गया राजनीतिक संकल्प, अपने लक्ष्य से काफी दूर है।

वर्ष 2022 में हर मिनट लगभग 11 फुटबॉल पिचों के बराबर जंगल नष्ट हो जाएंगे, जिसमें सबसे अधिक विनाश ब्राजील में होगा।

लेकिन इंडोनेशिया में वनों की हानि में तीव्र कमी से पता चलता है कि इस प्रवृत्ति को उलटना संभव है।

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