CG NEWS : संगठन को नकली और फर्जी बताने वाला दावा झूठा साबित

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CG NEWS : संगठन को नकली और फर्जी बताने वाला दावा झूठा साबित

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारी व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी,दैनिक श्रमिक,वाहन चालक, कार्यालय सहायक,सुरक्षा श्रमिकों ने अपनी आवाज बुलंद करने तथा समय समय पर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिये छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के नाम से पंजीयन कराया जिसका पंजीयन क्रमांक 548 हैं। संचार भारत न्यूज के टीम ने उक्त संगठन के बारे में पता साजी की,क्योकिं अभी हाल ही में कुछ समाचार पत्रों एवं वेबपोर्टल में लगातार प्रकाशन कर छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ पं.क्र.548 को नकली व फर्जी यूनियन बताते हुए प्रकाशन किया था !

उक्त शिकायत कर्ता बिन्देश्वरी वैष्णव को साहसी महिला का उपाधि देते हुए प्रकाशन किया है, मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता महिला छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ में पदाधिकारी रह चुकी है।

उन्होने वर्ष 2018 में महिला विंग तरफ से अगुवाई करते हुए भुख हड़ताल में बैठी थी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों एवं श्रमिकों को एकजुट व संगठित रहने की नसिहत देती थी उस समय संगठन फर्जी व नकली नही था!

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वर्ष 2022 में हड़ताल हुआ तब भी महिला विंग की ओर से अगुवाई की तब संगठन फर्जी नही था, और आज साहसी कदम उठाते हुए सूचना के अधिकार में मिली जानकारी अनुसार संगठन को नकली व फर्जी करार देते हुए पेपर व वेबपोर्टल में समाचार प्रकाशन करा रही है।

प्रकाशन का प्रमुख कारण छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ में पहले महिला मंच के प्रदेश कार्यकारिणी के रूप में स्थान दिया था उसके बाद वर्ष 2024 में भी प्रदेश में मनोनीत किया गया था।

संगठन के प्रति गलत ढंग से प्रचार प्रसार करने व कोरबा जिला के संगठन ग्रूप में एक महिला होते हुए भी महिला के खिलाफ विवादस्पद टिप्पटी डाले जाने के कारण ,कोरबा जिला के दैनिक वेतन भोगियों ने कोरबा में बैठक कर उनके द्वारा किये गये हरकत व जिस महिला के खिलाफ में टिप्पणी की थी

उसकी साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु कहां गया किन्तु साक्ष्य प्रस्तुत नही कर पायी!संगठन में पदाधिकारी रहते हुए भी संगठन के अलावा दुसरा बाहरी ग्रूप बनाकर संगठन के पदाधिकाियों के खिलाफ उस ग्रूप में टिप्पणी चालु कर दिया जो संघ हित में नही था जिसके कारण कोरबा जिला के समस्त दैनिक वेतन भोगियों ने बैठक कर सर्वसहमती से निर्णय लेते हुए प्राथमिक सदस्यता से पृथक कर दिया गया !

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संगठन के सदस्य न होते हुए भी जबरदस्ती हड़ताल में भाग लिया,और षड़यंत्र पूर्वक उनके सहेली ने आरोप प्रत्यारोप लगाते मनगढ़ंत तरिके से अभनपुर थाना में प्रकरण दर्ज कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जिसकी साक्षी के रूप में स्वयं शिकायतकर्ता रही और झुठी ब्यान दर्ज कराई!

अभनपुर थाना में प्रकरण का विधिवत जांच परताल हुआ, जिसमें अभनपुर थाना से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि संबंधित शिकायत कर्ता महिला एवं श्रीमति बिन्देश्वरी वैष्णव को संघ से पृथक किये जाने से क्षुब्ध होकर अनावेदकों को झुठा प्रकरण में फंसाने के उद्देश्य से बढ़ा चढ़ाकर झूठा शिकायत करना पाया गया है जो जांच पर प्रथम दृष्टया से कोई अपराध का घटित होना प्रतीत नही होता हैं। संगठन के महामंत्री राजकुमार चौहान ने बताया कि उक्त महिला के द्वारा लगातार विभाग में शिकायत की जा रही है!

उनके द्वारा संगठन को बदनाम करने के उद्देश्य से व संगठन को तोड़ने के उद्देश्य से उनके द्वारा संगठन से हटकर पृथक ग्रूप बनाकर एक प्लानिंग कर चेट किया गया है उस ग्रूप की स्क्रीन साट ये है!

इन्होने वन विभाग के छवि को धुमिल करने के उद्देश्य से लगातार छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों के उपर अटैक कर रहे है परंतु,अवगत कराना चाहुंगा कि रामकुमार सिन्हा वर्ष 2024 में ही प्रान्ताध्यक्ष बने है! इसके पूर्व प्रान्ताध्यक्ष कमलनारायण साहु था जो लगातार लगभग 07-08 वर्ष प्रान्ताध्यक्ष रहे थे,

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लेकिन आरोप केवल वर्तमान के प्रान्ताध्यक्ष के उपर उंगली उठा रहे है,इससे स्पष्ट होता है कि उक्त शिकायत एक पूर्व प्लानिंग व मिलिजुली शिकायत को स्वरूप दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ की सक्रियता और तेजी से हो रहे कार्यों से कुछ लोग असहज हो गए हैं, जिसके चलते वे संगठन और वर्तमान प्रांतीय अध्यक्ष रामकुमार सिन्हा को बदनाम करने की साजिश में लगे हैं।

संगठन के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा है, जबकि यह संगठन विधिवत रूप से पंजीकृत (पंजीयन क्रमांक 548) है और राज्यभर के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है।

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पूर्व में सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने हेतु संगठन ने कोर्ट में मामला दायर कर दबाव बनाया था, जो अब कुछ विरोधी नेताओं को रास नहीं आ रहा। एक पूर्व महिला पदाधिकारी, जो अब संगठन से बाहर हैं, संगठन को फर्जी बताकर झूठे आरोप लगा रही हैं,

जबकि कोरबा से प्राप्त पत्र में स्पष्ट है कि वह अब संगठन की सदस्य भी नहीं हैं। संगठन का कहना है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है और वह संबंधित महिला के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने की तैयारी में है। संगठन ने साफ किया है कि विभाग और संगठन की छवि को खराब करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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